अपनी अंतरात्मा का अनुभव हम 2022 में करें: नववर्ष का सत्संग

नए साल के आगमन पर विश्व भर के हज़ारों श्रद्धालुओं ने संत राजिन्दर सिंह जी महाराज के ऑनलाइन सत्संग में भाग लिया। अपने नववर्ष के सत्संग में महाराज जी ने सभी को इस मौके की बधाई दी और नए साल के लिए अपनी शुभकामनाएँ दीं। इसी के साथ, महाराज जी ने नववर्ष के स्लोगन की व्याख्या की: Experience the Inner You in 2022 (अपनी अंतरात्मा का अनुभव हम 2022 में करें)।
अपनी अंतरात्मा का अनुभव करना क्यों ज़रूरी है, महाराज जी ने फ़र्माया? इस समय हम खुद को केवल शरीर के रूप में देख रहे हैं, तथा अपना जीवन केवल अपने शरीर की देखभाल करने में ही बिता देते हैं, तथा उस असली उद्देश्य के प्रति अनजान ही रहते हैं जिसके लिए हमें यह मानव चोला दिया गया है। असल में हम आत्मा हैं, वो शक्ति हैं जो इस शरीर को जान दे रही है। जब हम अपनी अंतरात्मा का अनुभव कर लेते हैं, तो हम देखते हैं कि हमारा जीवन खुशी, शांति और प्रेम से भरपूर हो जाता है।
हमारा ध्यान बाहरी संसार में ही लगा रहता है, जोकि क्षणभंगुर और अस्थाई है तथा हर पल बदलता रहता है। भौतिक जगत की अनिश्चितताओं का सामना करते हुए, हम लगातार हलचलों और तनावों से घिरे रहते हैं, जिससे हमारे जीवन में चुनौतियाँ और मुश्किलें आती रहती हैं। लेकिन जब, ध्यानाभ्यास की विधि द्वारा, हम अपने ध्यान को बाहरी संसार से हटाकर आंतरिक रूहानी मंडलों में एकाग्र करते हैं, तो हम अपनी अंतरात्मा का अनुभव करते हैं, जोकि प्रभु का अंश है। तब हम शांति और स्थिरता के सरोवर से जुड़ जाते हैं, जो हमें वो सबकुछ प्रदान करता है जो हमें खुश रहने के लिए चाहिए, चाहे हमारी बाहरी परिस्थितियाँ कैसी भी हों। हम अंदरूनी मंडलों की स्थिरता, सुंदरता, और आनंद का अनुभव करने लगते हैं, जो प्रभु द्वारा ही बनाए गए हैं, लेकिन बाहरी संसार के विपरीत वो रूहानी संसार इंसानी हाथों से अछूते हैं।
जो शांति और खुशी हम अनुभव करते हैं, उसका असर फिर हमसे होकर हमारे मिलने-जुलने वालों तक भी फैलता है। जितना ज़्यादा हम अंतर में तरक्की करते जाते हैं, उतना ही अधिक हम शांति और खुशी का अनुभव करते जाते हैं, और उतनी ही ज़्यादा शांति और खुशी हम दूसरों में फैलाते हैं। जब हम अपनी आत्मा के गुणों से जुड़ते जाते हैं, तो हमारे अंदर एक बड़ा बदलाव आ जाता है और हम अधिक प्रेमपूर्ण, दयालु, अहिंसक, और निस्वार्थ होते जाते हैं। ध्यानाभ्यास के द्वारा हम अपनी अंतरात्मा का अनुभव कर सकते हैं और इस संसार में प्रेम, प्रकाश व खुशियाँ ला सकते हैं।