मधुर रिश्ते-नातों का रहस्य

अगस्त 7, 2021

आज के अपने ऑनलाइन सत्संग में, संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने समझाया कि हम कैसे अपने आसपास के लोगों के साथ मधुर रिश्ते-नातों का आनंद उठा सकते हैं, जिससे हमारे अपने जीवन में शांति आती है।

जब हम उन विभिन्न चुनौतियों के बारे में सोचते हैं जो हमारी शांति को भंग करती हैं, तो हमारे रिश्ते-नातों में कड़वाहटें और उतार-चढ़ाव इस सूची में अवश्य शामिल होते हैं। जब भी हमारा अपने प्रियजनों, दोस्तों, सहकर्मियों, पड़ोसियों, या अन्य लोगों के साथ झगड़ा या मनमुटाव हो जाता है, तो हमारे जीवन में हलचल और दुख-दर्द आ जाता है। तो रिश्ते-नातों में मधुरता बनाए रखने का रहस्य क्या है?

हमारे रिश्ते-नातों में हलचल और कड़वाहट आ जाती है क्योंकि हम ख़ुद को दूसरों से अलग और बेहतर समझते हैं। अपने अहंकार के कारण हम द्वैत से भरपूर संसार में जीते हैं, जिसमें हम होते हैं और दूसरे होते हैं। ऐसे संसार में हम हमेशा दूसरों से लड़ते ही रहते हैं। हम स्वयं को अलग और बेहतर समझते हैं, और उसी नज़रिये से दूसरों के प्रति राय कायम करते रहते हैं। प्रेमपूर्ण और मधुर रिश्ते-नातों का रहस्य यही है कि हम जीवन की एकता को पहचानें। ऐसा तब होता है जब हम ध्यानाभ्यास के द्वारा आंतरिक आध्यात्मिक यात्रा पर जाते हैं और स्वयं को आत्मा के रूप में, परमात्मा के अंश के रूप में, अनुभव करते हैं। तब हम यह भी जान जाते हैं कि प्रभु का यही अंश दूसरों के अंदर भी मौजूद है। जब हम जीवन को अपनी आत्मा की नज़र से देखते हैं, तो बाहरी फ़र्क ख़त्म हो जाते हैं, और हम जान जाते हैं कि हम सब एक हैं, प्रभु के एक ही परिवार के सदस्य हैं। हमारा दृष्टिकोण बदल जाता है और हम एकता व एकत्व का जीवन अपना लेते हैं, जिसमें प्रेम का ही साम्राज्य होता है।