प्रभु हमारे स्थाई संरक्षक हैं

अक्टूबर 31, 2020

आज वैश्विक ऑनलाइन श्रोताओं को सम्बोधित करते हुए, संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने प्रभु के उस अदृश्य हाथ के बारे में बताया जो जीवन में हर समय हमारी रक्षा कर रहा है, हमें सहारा दे रहा है, और हमारा मार्गदर्शन कर रहा है। हम सब जीवन में उतार-चढ़ाव से गुज़रते हैं, महाराज जी ने फ़र्माया। जब हम मुड़कर अपने जीवन की ओर देखते हैं, तो हम पाते हैं कि चुनौतियों के बावजूद हमें हमेशा किसी न किसी ज़रिए से मदद मिलती ही रही है।

हमें मिलने वाली हर मदद असल में प्रभु के द्वारा ही आती है, महाराज जी ने फ़र्माया। जब हमें अपने आसपास के लोगों से मदद मिलती है, वो असल में उनके ज़रिये कार्य कर रहे होते हैं। परिस्थिति चाहे जो भी हो, प्रभु हर समय हमारी सहायता करते हैं और हमें सहारा देते हैं। लेकिन जब भी हमारे जीवन में कोई नई मुश्किल आती है, तो हम अतीत में मिली मदद को भूल जाते हैं, और चिंता व व्यग्रता हमें घेर लेते हैं। हम निराश हो जाते हैं और बिखर जाते हैं, और प्रभु में हमारा भरोसा टूट जाता है। हम चिंता करते हैं कि हम इस मुश्किल से निकलेंगे कैसे।

हमें याद रखना चाहिए कि प्रभु का अदृश्य हाथ हर समय हमें सहारा दे रहा है, चाहे हम उसे जानें या नहीं, चाहे हम उसे पहचानें या नहीं। प्रभु का लगातार और अटल सहारा हर समय हम में से हरेक के लिए उपलब्ध है।

प्रभु हमसे बेहद प्रेम करते हैं और वे चाहते हैं कि हमारी आत्मा अपने सच्चे घर वापस आ जाए, संत राजिन्दर सिंह जी ने फ़र्माया। संत ही वो ज़रिया हैं जिनके द्वारा प्रभु हमें वापस घर लौटने में मदद करते हैं। ध्यानाभ्यास के द्वारा वे हमारी आत्मा को प्रभु के प्रेम से जुड़ने में मदद करते हैं। तब हमारी आत्मा पोषित और ताकतवर बनती है, और हम अपने जीवन में हर समय प्रभु की उपस्थिति को महसूस करने लगते हैं। हमारा विश्वास और अधिक दृढ़ होता जाता है और हमारा जीवन ख़ुशी व आनंद से भरपूर हो जाता है, तथा हम अपने जीवन में प्रभु की लगातार उपस्थिति, सहारे, और संरक्षण को महसूस करने लगते हैं।