जीवन के सच्चे व्यवसाय में सफलता पायें
आज के अपने वैश्विक सत्संग में, संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने इस जीवन के सच्चे व्यवसाय के बारे में समझाया और बताया कि हम कैसे इस व्यवसाय में सफल हो सकते हैं। जब हम अपने जीवन की ओर देखते हैं, तो हम पाते हैं कि हम में से ज़्यादातर लोग अपनी और अपनी परिवार की गुज़र-बसर के लिए कोई न कोई काम करते हैं। हम या तो कोई नौकरी करते हैं या कोई बिज़नेस (व्यवसाय) करते हैं। एक बिज़नेस चलाना तनावपूर्ण कार्य हो सकता है, और कई बार, बिज़नेस को बढ़ाने के संघर्ष में मालिक या अधिकारीगण अपनी रातों की नींद और दिन का चैन खो बैठते हैं। वो तनाव, दुख, और असंतोष से भर जाते हैं, और जल्द ही स्थिति की विडम्बना को पहचानने लगते हैं: कि वो बिज़नेस को नहीं बल्कि बिज़नेस उन्हें चला रहा है! अपने बिज़नेस को बढ़ाने के दैनिक संघर्ष में वे एक अन्य महत्त्वपूर्ण सौदे को खो बैठते हैं – जीवन का बिज़नेस। तो यह जीवन का व्यवसाय है क्या?
जीवन का बिज़नेस या व्यवसाय ही वो सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य है जिस पर हमें ध्यान देना है, महाराज जी ने समझाया। इस मानव चोले का एक उच्चतर उद्देश्य है। हमें इस मानव चोले में समय की पूंजी दी गई है, ताकि हम इसका इस्तेमाल कर अपने सच्चे स्वरूप को जान सकें और फिर अपने स्रोत, प्रभु, के पास वापस लौट सकें। हम सब को वो सभी पदार्थ दिए गए हैं जो इस व्यवसाय में सफल होने के लिए हमें चाहियें। जीवन के सच्चे व्यवसाय में सफल होने के लिए हमें एक पूर्ण सत्गुरु की मदद व मार्गदर्शन की ज़रूरत है, जो हमें जीवन सही तरीके से जीने का ब्लूप्रिन्ट दे सकें। संत-महापुरुष हमें सिखाते हैं कि हम अपने जीवन की असलियत को पहचानें। ध्यानाभ्यास की तकनीक के द्वारा वे हमें अपने ध्यान को इस बाहरी संसार से हटाना और आंतरिक रूहानी मंडलों में टिकाना सिखाते हैं, ताकि हम अपनी आत्मा का अनुभव कर सकें और प्रभु के साथ अपने मिलन के उद्देश्य को पूरा कर सकें। यही हमारे जीवन का सच्चा व्यवसाय है।