हम यहाँ एक-दूसरे से प्रेम और सेवा करने के लिए आए हैं

जुलाई 4, 2020

आज संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने हमें याद दिलाया कि प्रभु के एक ही परिवार के सदस्य होने के नाते हम सब आपस में जुड़े हुए हैं। हर चीज़ और हर व्यक्ति एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है, महाराज जी ने फ़र्माया। प्रभु की बनाई सृष्टि परिपूर्ण है, और हरेक जीव का कोई न कोई उद्देश्य है। हम यहाँ एक-दूसरे की सेवा करने के लिए, एक-दूसरे से प्रेम करने के लिए, और एक-दूसरे की सहायता करने के लिए ही भेजे गए हैं। प्रकृति में हम देखते हैं कि विभिन्न जीव किस तरह इंसानों के काम आते हैं: पेड़ों से इलाज के लिए दवाइयाँ बनती हैं, पक्षियों से प्रेरित होकर हवाई जहाज़ बने हैं, और समुद्री जीवों ने हमें सिखाया है कि सागर की गहराई में कैसे जाते हैं।

प्रभु ने हमें बनाया है ताकि हम इस धरती पर एक-दूसरे की सहायता कर सकें, तथा सौहार्द व शांति से एक-दूसरे के साथ रह सकें, महाराज जी ने फ़र्माया। कोई भी इंसान अपने आप में द्वीप नहीं है, महाराज जी ने ज़ोर देते हुए समझाया, और यह हमारा कर्तव्य है कि हम प्रभु के बनाए सभी जीवों की सेवा करें, क्योंकि हम सब एक-दूसरे से जुड़े हैं, एक-दूसरे पर निर्भर हैं।

यह हमारा अहंकार है जो हमें विश्वास दिलाता है कि हम दूसरों से अलग हैं। जब तक हम यही सोचते रहेंगे, तब तक अलगाव और विवाद बने रहेंगे। जब हम स्वयं को आत्मा के रूप में अनुभव कर लेते हैं, तभी हम प्रभु के साथ और प्रभु की बनाई समस्त सृष्टि के साथ अपने संबंध को जान पाते हैं। ऐसा तब होता है जब हम ध्यानाभ्यास के द्वारा अपने अंतर में जाते हैं। ध्यानाभ्यास में जब हम प्रभु के प्रेम का अनुभव करते हैं, तो हम जान जाते हैं कि प्रभु हमारे भीतर ही मौजूद हैं, और सदा हमारे साथ रहते हैं। जीवन की चुनौतियों का सामना होने पर हम ख़ुद को अकेला नहीं समझते हैं, और हमारा सारा डर गायब हो जाता है। तब हम प्यार और शांति के साथ जीवन जीने लगते हैं, जिससे फिर हमारे जीवन में ख़ुशियाँ ही ख़ुशियाँ भर जाती हैं।