आध्यात्मिक गुरु की आवश्यकता

मार्च 5, 2022

आज संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने प्रभु-प्राप्ति के मार्ग पर एक आध्यात्मिक सत्गुरु की आवश्यकता के बारे में समझाया। अगर हम जीवन में अपने किसी भी कार्य में सफल होना चाहते हैं, तो हमें उस क्षेत्र के विशेषज्ञ के मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है, जो उस विषय में माहिर होता है। ऐसी महारत हासिल करने में कई सालों की लगन, कड़ी मेहनत, त्याग, और दृढ़-निश्चय लगता है। क्षेत्र चाहे चिकित्सा का हो, या खेलकूद, या इंजीनियरिंग, या कोई भी अन्य क्षेत्र हो, उस क्षेत्र का कोई विशेषज्ञ या माहिर हमारा मार्गदर्शन कर सकता है और हमें आगे बढ़ने का तरीका बता सकता है। अध्यात्म भी इससे अलग नहीं है, महाराज जी ने फ़र्माया।

आध्यात्मिक क्षेत्र में तरक्की करने के लिए हमें एक ऐसा माहिर चाहिए जो पहले से ही जीवन के रहस्य को सुलझा चुका हो, अपनी आध्यात्मिक यात्रा पूरी कर चुका हो, और विशाल आंतरिक मंडलों में हमारा मार्गदर्शन कर सकता हो। अध्यात्म के विषय के ऐसे माहिर को आध्यात्मिक गुरु या सत्गुरु कहते हैं।

एक सत्गुरु हमें अपने जीवन के उद्देश्य को समझने में मदद करते हैं, और हमें अपनी आत्मा की लंबी यात्रा की तथा प्रभु से हमारे बिछोड़े की याद दिलाते हैं। वे हमें ध्यानाभ्यास की तकनीक सिखाते हैं, जिस विधि से हम अपने ध्यान को बाहरी संसार से हटाकर अपनी आंतरिक आँख पर केंद्रित करते हैं, जोकि आंतरिक आध्यात्मिक मंडलों में जाने का प्रवेशद्वार है। आंतरिक मंडल हमारे इस भौतिक मंडल के साथ-साथ ही अस्तित्व में हैं, और हम तभी उनका अनुभव कर सकते हैं जब हम अपनी भौतिक इंद्रियों से ऊपर उठ जायें। ध्यानाभ्यास के द्वारा हम आंतरिक यात्रा पर जा पाते हैं और अपने सच्चे आत्मिक स्वरूप को पहचान पाते हैं। सत्गुरु से मिलने वाले निरंतर मार्गदर्शन के द्वारा हम धीरे-धीरे अपनी आत्मा के अंतिम लक्ष्य – प्रभु के धाम – की ओर बढ़ते चले जाते हैं।

अगर हम अपने जीवन के उच्चतम उद्देश्य को पूरा करना चाहते हैं, तो यह बेहद ज़रूरी है कि हम एक पूर्ण सत्गुरु के मार्गदर्शन की तलाश करें।