अपनी देनों को याद रखें और बाकी सबकुछ प्रभु पर छोड़ दें

मार्च 6, 2022

यह इंसानी स्वभाव है कि हम तब खुश रहते हैं जब सबकुछ हमारी मर्ज़ी से चल रहा होता है, और तब नाखुश रहते हैं जब चीज़ें हमारी मर्ज़ी के मुताबिक नहीं जा रही होती हैं। आज संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने बताया कि हम अपना जीवन कैसे जी सकते हैं ताकि हम हमेशा कृतज्ञ रहें तथा सही दिशा में ध्यान लगाए रहें।

हम में से हरेक के जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। हमें पता होना चाहिए कि अच्छे दिनों के साथ-साथ मुश्किल दिन भी आयेंगे। रोशनी के साथ-साथ अंधेरा भी होगा। गुलाब के साथ-साथ काँटे भी होंगे। लेकिन, महाराज जी ने समझाया, अगर हम केवल नकारात्मक पहलू की ओर ही ध्यान देते रहेंगे, और जीवन के हर उतार-चढ़ाव से प्रभावित होते रहेंगे, तो हम हमेशा हलचल में ही रहेंगे। जब हम हलचल में होते हैं, तो स्थिर होना एक चुनौती बन जाता है, और इससे हमारे ध्यानाभ्यास व आध्यात्मिक तरक्की पर असर पड़ता है।

संत-महापुरुष हमें याद दिलाते हैं कि उतार-चढ़ाव हमारे जीवन का एक हिस्सा हैं। वे हमें समझाते हैं कि जो कुछ नहीं है या जो कुछ गलत है, हम उसकी ओर ध्यान न दें, और इसके बजाय ‘तेरा भाणा मीठा लागे’ के सिद्धांत के अनुसार अपना जीवन बितायें। अगर अपनी परिस्थितियों का रोना रोते रहने के बजाय हम अपने जीवन में मौजूद प्रभु की देनों की ओर ध्यान दें, तो हम निश्चय ही पायेंगे कि गुलाब, काँटों से कहीं ज़्यादा हैं। ऐसा करने से हम अपने जीवन में मौजूद देनों के लिए शुक्राने का रवैया रखेंगे, और जान जायेंगे कि हमारे लिए क्या सही है, इस मामले में हमारा ज्ञान बहुत ही सीमित है। ऐसा तब होता है जब हम ध्यानाभ्यास के द्वारा अपने जीवन में प्रभु की उपस्थिति को अनुभव कर लेते हैं।