संत हमारे मार्ग को प्रकाशित करते हैं

सितम्बर 25, 2021

आज संत राजिन्दर सिंह जी महाराज के वैश्विक ऑनलाइन सत्संग से लाभ उठाने के लिए दुनिया भर से हज़ारों श्रद्धालु एकत्रित हुए, जिसके दौरान महाराज जी ने हमें याद दिलाया कि संत प्रभु की ओर जाने वाले हमारे मार्ग को प्रकाशित करते हैं। अपनी भौतिक इंद्रियों के स्तर पर जीते हुए, हम अपने स्वास्थ्य, सांसारिक धन-दौलत, बुद्धि की कुशाग्रता, और रिश्ते-नातों में ही वो खुशी ढूंढते रहते हैं जिसकी हमें तलाश है। धीरे-धीरे, जैसे-जैसे हम जीवन के अस्थाई स्वरूप के बारे में जान जाते हैं, हम निराश रहने लगते हैं और दुखों-तकलीफ़ों से घिर जाते हैं। जब तक हम भौतिक संसार में खुशियाँ तलाशते रहेंगे, तब तक हमें निराशा ही हाथ लगती रहेगी। अगर हमें सदा-सदा की खुशियाँ चाहियें, तो हमें अपना ध्यान उस ओर लगाना होगा जो स्थाई और स्थिर है – और वो हैं प्रभु, महाराज जी ने फ़र्माया ।

संतों-महापुरुषों के मार्गदर्शन से हम अपना ध्यान बाहरी संसार के क्षणिक आकर्षणों से हटाकर उन अंदरूनी खज़ानों पर टिका पाते हैं जो अंतर में हमारी प्रतीक्षा कर रहे हैं। ध्यानाभ्यास की प्रक्रिया द्वारा हम स्वयं को आत्मा के रूप में अनुभव कर पाते हैं, उस चेतन सत्ता के रूप में अनुभव कर पाते हैं जोकि प्रभु का अंश है। हम प्रभु के प्रेम का अनुभव कर पाते हैं, और इससे हमारा जीवन परिवर्तित हो जाता है, तथा हम सभी जीवों में प्रभु का प्रकाश देखने लगते हैं। अपने जीवन का उदाहरण देकर वे प्रभु की ओर जाने वाले हमारे मार्ग को प्रकाशित कर देते हैं। वे हमें ब्लूप्रिन्ट देते हैं कि हमें अपना जीवन कैसे जीना चाहिए, ताकि हम जल्द से जल्द उस स्रोत के पास वापस पहुँच सकें जहाँ से हम उत्पन्न हुए हैं। जब ध्यानाभ्यास के द्वारा हमारी आत्मा अपने अस्तित्व की सच्चाई का अनुभव कर लेती है, तो समस्त भय मिट जाता है, और शांति हमारे जीवन का हिस्सा बन जाती है। जितना अधिक हम प्रभु की करीबी का अनुभव करते हैं, उतना ही अधिक हमारा जीवन सुंदर और प्रेमपूर्ण होता जाता है।