प्रार्थना का स्वरूप और तकनीक

आज 74वें ग्लोबल मेडिटेशन इन प्लेस के लिए वैश्विक ऑनलाइन श्रोताओं को सम्बोधित करते हुए संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने समझाया कि हम प्रभु के साथ कैसे संपर्क कर सकते हैं। सदियों से ऐसा होता आया है कि जब इंसान के सारे प्रयास असफल हो जाते हैं, तो वो प्रार्थना की ओर मुड़ता है। प्रार्थना चाहे किसी भी भाषा, परम्परा, या संस्कृति में की जाए, वो इस तथ्य को स्वीकार करना है कि कोई उच्चतर सत्ता है जो हमसे अधिक करने की क्षमता रखती है।
हम चाहे अपने लिए प्रार्थना करें या किसी अन्य व्यक्ति के लिए कुछ माँगें, प्रार्थना अधिकतर भौतिक संसार की कोई वस्तु माँगने के लिए ही की जाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हम इस भौतिक संसार से आगे कुछ भी नहीं जानते हैं। तो हमें वास्तव में किस चीज़ के लिए प्रार्थना करनी चाहिए? इंसान होने के नाते, हमारी अपने जीवन के बारे में और अपने आसपास के संसार के बारे में जानकारी बहुत सीमित है। लेकिन प्रभु हमारे अतीत, वर्तमान, और भविष्य के बारे में सबकुछ जानते हैं, और इसीलिए वो जानते हैं कि हमारे लिए क्या सबसे अच्छा है। प्रभु से हमें केवल यही प्रार्थना करनी चाहिए कि जीवन में चीज़ें हमारी इच्छा से नहीं बल्कि प्रभु की इच्छा से हों।
प्रभु से प्रार्थना करने का सही तरीका क्या है? संत हमें सिखाते हैं कि हमारी आत्मा, प्रभु रूपी महासागर की एक बूँद है। प्रभु का एक अंश पहले से ही हमारे भीतर है, और इसीलिए प्रार्थना अपने भीतर मौजूद दिव्य सत्ता के साथ संपर्क करना है। प्रभु हमारी प्रार्थना अवश्य सुनते हैं, चाहे हम किसी भी भाषा में प्रार्थना करें। महत्त्वपूर्ण यह है कि प्रार्थना कितनी सच्चाई के साथ की जाती है। जब हम नम्रता से प्रभु के पास आते हैं, एक खाली प्याले की तरह, अहंकार से रहित, बिना पहले से यह निर्णय लिए कि हमारे लिए क्या बेहतर है, और जब हम प्रभु की रज़ा के आगे समर्पित हो जाते हैं, तो हमारे जीवन में शांति, प्रेम, आनंद, और सौहार्द छा जाता है।
प्रार्थना एक वार्तालाप है जिसमें हम प्रभु से बात करते हैं। इसके विपरीत, ध्यानाभ्यास एक वार्तालाप है जिसमें हम प्रभु की बात सुनते हैं, और अपने जीवन में प्रभु की दया ग्रहण करने के लिए तैयार हो जाते हैं। जब हम ध्यानाभ्यास की तकनीक सीख लेते हैं, तो हम प्रभु से संपर्क करने का सही तरीका सीख लेते हैं, और तब हम उस असीम दया को ग्रहण करने के लायक हो जाते हैं जो हर समय हमारी ओर आ रही है।