सबसे बड़ा उपहार

आज, थैंक्सगिविंग डे (धन्यवाद दिवस) – जोकि उत्तरी अमेरिका के कई हिस्सों में नवम्बर के चौथे बृहस्पतिवार को मनाया जाता है – से कुछ दिन पहले, संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने शुक्राने के भाव पर सत्संग फ़र्माया। थैंक्सगिविंग डे पर हम उन सभी चीज़ों के लिए शुक्राना करते हैं जो हमें मिली हैं। जीवन में हम चाहे उतार-चढ़ाव का सामना कर रहे हों, लेकिन फिर भी जीवन के ऐसे कई पहलू होते हैं जिनके लिए हमें शुक्राना करना चाहिए। लेकिन एक उपहार ऐसा है जो इन सबसे कहीं ऊपर है। वो इस भौतिक संसार के उपहारों से कहीं बढ़कर हमें खुशी प्रदान करता है। वो है प्रेम का उपहार।
जब हम किसी से प्रेम करते हैं, तो हम उन्हें अपने प्रेम का उपहार देते हैं। किसी से प्रेम करना उनकी परवाह करना है, उन्हें ज़रूरत के समय में आराम और सुख पहुँचाना है, उनके दुख-दर्द को दूर करना है। प्रेम का यह उपहार जब हम दूसरों को देते हैं, तो न केवल उनके जीवन में खुशी आती है, बल्कि हमारे द्वारा दिया गया प्रेम हमारी ओर वापस भी आता है। “प्रेम करना सदा-सदा का प्रेम पाना है,” महाराज जी ने याद दिलाया।
जो प्रेम हम दूसरों को देते हैं, वो उसी प्रेम का प्रतिबिंब है जो हम समस्त प्रेम के स्रोत – प्रभु – से पाते हैं। प्रेम देने के लिए हमें पहले प्रभु के प्रेम को अपने अंदर अनुभव करना होगा। ऐसा तब होता है जब हम अपने ध्यान को बाहरी संसार से हटाकर आंतरिक मंडलों में एकाग्र करते हैं, जहाँ प्रभु निवास करते हैं। अपने ध्यान को अंतर में टिकाने की इस विधि को ध्यानाभ्यास कहते हैं। जब हम ध्यानाभ्यास के द्वारा आंतरिक आध्यात्मिक यात्रा पर जाकर प्रभु के प्रेम व प्रकाश का अनुभव करते हैं, तो हम दिव्य की सुंदरता और परमानंद का अनुभव करते हैं। जितना अधिक हम अंदरूनी मंडलों में यात्रा करते हैं, उतने ही अधिक दिव्य प्रेम का हम अनुभव करते जाते हैं।
जब हम प्रभु के प्रेम के साथ जुड़ जाते हैं, तो हम प्रेम फैलाने का टावर बन जाते हैं, और उस प्रेम को अपने दायरे में आने वाले हर व्यक्ति तक फैलाते हैं। और जितना अधिक प्रेम हम फैलाते हैं, उतना ही अधिक प्रेम हम वापस पाते हैं। इस सबकी शुरुआत होती है जब हम ध्यानाभ्यास के द्वारा अपने अंतर में प्रभु के प्रेम से जुड़ने के लिए पहला कदम उठाते हैं। इस थैंक्सगिविंग डे पर, संत राजिन्दर सिंह जी ने फ़र्माया, हमें प्रभु के प्रेम के उपहार के लिए, और इस प्रेम को अनुभव करने की क्षमता के लिए, शुक्राना करना चाहिए।