संत-सत्गुरु हमारे लिए क्या करते हैं

नवम्बर 20, 2021

आज, संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने उन संतों-महापुरुषों की भूमिका के बारे में समझाया जो हमें हमारे सच्चे घर प्रभु के पास वापस ले जाने के लिए इस संसार में आते हैं। हम सब आत्माएँ हैं, महाराज जी ने समझाया, और हमें यहाँ प्रभु से प्रेम करने के लिए तथा प्रभु में वापस मिलने के लिए भेजा गया है। संत हमें यह दर्शाने के लिए आते हैं कि बाहरी संसार की चुनौतियों में घिरे होने के बावजूद हम इस उद्देश्य को कैसे पा सकते हैं।

कठिनाइयाँ हमारे जीवन में अंधकार ले आती हैं, और अपनी अनिश्चितता के कारण हमारे अंदर डर पैदा कर देती हैं। लेकिन संत, अपनी दया व करुणा से, हमें शरण प्रदान करते हैं। अंधकार के समय में वे हमें उस प्रकाश की याद दिलाते हैं जो हमारे भीतर मौजूद है। वे हमें याद दिलाते हैं कि हम अकेले नहीं हैं; प्रभु हर क्षण हमारे साथ हैं। हमें ध्यानाभ्यास की तकनीक सिखाकर, वे हमें एक तरीका देते हैं जिससे हम बाहरी संसार की तकलीफ़ों से ध्यान हटाकर आंतरिक मंडलों की खुशियों और आनंद का अनुभव कर सकते हैं, जहाँ प्रभु बसते हैं।

जब हम जीवन में प्रभु की उपस्थिति का अनुभव करने लगते हैं, तो हमारा सारा डर ख़त्म हो जाता है। यह जानकर कि प्रभु सर्वज्ञ हैं, हम प्रभु के भाणे में जीने लगते हैं। तब हमारी प्रार्थनाएँ अपनी इच्छाएँ पूरी करने के लिए नहीं होती हैं, बल्कि हम केवल यही माँगते हैं कि प्रभु हमें वो दें जो वो हमारे लिए ठीक समझते हैं। पूर्ण महापुरुष यही चाहते हैं कि हम ऐसा जीवन जियें जिसमें हम अपने आत्मिक स्वरूप के प्रति जागृत हो उठें और अपने जीवन के वास्तविक उद्देश्य को जान जायें। वो चाहते हैं कि हम प्रभु-प्राप्ति के उच्चतम उद्देश्य को पूरा करने के लिए कदम बढ़ायें, ताकि हम इस मानव चोले के सुनहरे अवसर से पूरा-पूरा लाभ उठा सकें। वो आशा की किरण होते हैं, जो हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं।