संत राजिन्दर सिंह जी महाराज की नवी मुम्बई में टॉक

फ़रवरी 26, 2020

संत राजिन्दर सिंह जी महाराज उल्हासनगर से नवी मुम्बई के वाशी क्षेत्र में पधारे और विष्णुदास भावे नाट्यगृह में सार्वजनिक टॉक दी। महाराज जी ने टॉक के शीर्षक “अपना जीवन प्रेम और प्रकाश में जियें” पर अपने विचार व्यक्त किए।

 

बिग बैंग और धरती पर जीवन के लिए ज़रूरी सूर्य के प्रकाश का उदाहरण देते हुए महाराज जी ने फ़र्माया कि यह प्रकाश ही है जिसने इस संपूर्ण सृष्टि की रचना की है। महापुरुष हमें बताते हैं कि हमारे अंतर में प्रकाश से भरपूर रूहानी मंडल मौजूद हैं, जो इस भौतिक संसार के साथ-साथ ही अस्तित्व में हैं। बाहरी और अंदरूनी, दोनों मंडल मूल स्रोत – प्रभु की सत्ता, जो प्रकाश और ध्वनि के रूप में व्यक्त होती है – से ही अपना प्रकाश पाते हैं। यह दिव्य धारा संपूर्ण सृष्टि में व्याप्त है और ध्यानाभ्यास में हम इसे अनुभव कर सकते हैं।

 

ध्यानाभ्यास ही वो तरीका है जिसके द्वारा हम बाहरी दुनिया में बिखरे अपने ध्यान को आध्यात्मिक आँख पर एकाग्र कर सकते हैं। जैसे-जैसे हमारी एकाग्रता बढ़ती जाती है, हम प्रकाश का अनुभव करने लगते हैं। नियमित अभ्यास से हम अंतर में कई और ख़ूबसूरत नज़ारों का अनुभव करते हैं। हमारी आत्मा इन आंतरिक रूहानी मंडलों से गुज़रती हुई अधिक से अधिक सुंदरता, आनंद, प्रेम और प्रकाश का अनुभव करती जाती है, और आख़िरकार प्रभु में लीन हो जाती है। इस तरह हमारे इंसानी जीवन का उद्देश्य पूरा हो जाता है। ध्यानाभ्यास के द्वारा हम प्रेम और प्रकाश में जीने लगते हैं।