हमारे विचार – हमारी किस्मत

आज संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने समझाया कि जीवन की इस यात्रा में, हमें अपने दृष्टिकोण पर और विचारों पर पूर्ण नियंत्रण है। हमें केवल इस नियंत्रण को अमल में लाना है। हमारे विचार ही हमारी किस्मत बनाते हैं और जब हम अपने विचारों पर काबू पा लेते हैं, तो हम अपनी किस्मत पर काबू पा लेते हैं। जब हम ध्यानाभ्यास के द्वारा इस आध्यात्मिक यात्रा पर चलते हैं, तो हम जीवन को एक उच्चतर दृष्टिकोण से देखने लगते हैं, तथा और हमारे विचार अपने आप ही सकारात्मक हो जाते हैं और अच्छाई की ओर केंद्रित हो जाते हैं। हम समझ जाते हैं कि प्रभु की बनाई सृष्टि में सबकुछ परिपूर्ण है, और प्रभु द्वारा बनाई गई हरेक चीज़ सही है। हम सभी का जीवन के इस खेल में एक विशेष उद्देश्य और भूमिका है।
महाराज जी ने समझाया कि हमारे भीतर एक ऐसी रोशनी है जो हर समय जल रही है। प्रभु की इस आंतरिक ज्योति को जब हम ध्यानाभ्यास के द्वारा अनुभव करते हैं, तो बाहरी संसार का अंधकार मिट जाता है। हमें प्रभु की इस ज्योति व श्रुति के साथ जुड़ना है, ताकि हम आंतरिक रूहानी मंडलों के आनंद व ख़ुशियों से भरपूर हो जायें, चाहे बाहर हमारे जीवन में कैसी भी चुनौतियाँ हों। जब हम रूहानी मंडलों के ख़ज़ानों को पा लेते हैं, तो हम जान जाते हैं कि बाहरी संसार की कोई भी चुनौती हमें अपने भीतर मौजूद ख़ुशियों को पाने से रोक नहीं सकती है।