सकारात्मक सोच की शक्ति

आज के अपने वेब प्रसारण में संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने सकारात्मक सोच की शक्ति और आध्यात्मिक मार्ग पर सकारात्मक सोच रखने के महत्त्व के बारे में समझाया।
महाराज जी ने समझाया कि कैसे हमारे विचार हमारे जीवन की दिशा को निर्धारित करते हैं। हमारे द्वारा बोला गया हरेक शब्द और हमारे द्वारा किया गया हरेक कार्य, हमारे विचारों से ही पैदा होता है। विचार बहुत शक्तिशाली होते हैं, और उनकी तरंगें न केवल हमें बल्कि हमारे वातावरण को और हमसे मिलने वाले लोगों को भी प्रभावित करती हैं। सही विचार उत्पन्न होने के लिए हमें सही समझ विकसित करने की ज़रूरत है। सही समझ से सही विचार पैदा होते हैं, जिससे फिर हमारे शब्द और कार्य भी सही हो जाते हैं।
सही समझ क्या है? सही समझ यह जानना है कि हम शरीर नहीं बल्कि आत्मा हैं, जोकि परमात्मा का अंश है। हमारी आत्मा चेतन है, तथा प्रभु के प्रेम व प्रकाश से भरपूर है। जिस तरह हम बाहरी संसार के दृश्य देख सकते हैं और बाहरी आवाज़ें सुन सकते हैं, उसी तरह हमारी आत्मा भी अंतर में प्रभु के प्रकाश को देख सकती है और प्रभु की ध्वनि को सुन सकती है। अपने आप को आत्मा के रूप में अनुभव करना और प्रभु को पाना, ये ही हमारे जीवन का परम उद्देश्य है, महाराज जी ने फ़र्माया। बाहरी दुनिया, जोकि माया की दुनिया है, की गतिविधियों में लिप्त होकर हम इस मानव चोले के असली उद्देश्य को भूल चुके हैं। ध्यानाभ्यास के द्वारा अंतर में प्रभु की ज्योति का अनुभव करने से ही हम सही समझ को पा सकते हैं।