परम संत कृपाल सिंह जी महाराज का 127वाँ जन्मोत्सव

इस सप्ताहाँत, संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने ऑनलाइन वैश्विक श्रोताओं के साथ परम संत कृपाल सिंह जी महाराज (1894-1974) का 127वाँ जन्मोत्सव मनाया, जो 6 फरवरी को होता है। उनके जीवन और शिक्षाओं को पुष्पाँजलि अर्पित करते हुए महाराज जी ने समझाया कि उनके जीवन को मनाने के लिए हमें उनकी शिक्षाओं को धारण करना चाहिए।
संत कृपाल सिंह जी महाराज छोटी आयु से ही समस्त जीवों – इंसान, पशु-पक्षी, और पेड़-पौधे – के प्रति प्रेम से भरपूर थे। वे सभी को प्रभु के एक ही परिवार का सदस्य मानते थे। मानव एकता का उनका स्वप्न बाद में उनके द्वारा विश्व धर्म सम्मेलन की स्थापना और अध्यक्षता के रूप में फलीभूत हुआ।
1974 में उन्होंने प्रथम मानव एकता सम्मेलन की अध्श्क्षता की, जिसमें सभी पृष्ठभूमियों, धर्मों, संस्कृतियों, और राष्ट्रीयताओं के लोग एक साथ मिल बैठे और आत्मा के स्तर पर अपनी आपसी एकता का अनुभव किया। संत राजिन्दर सिंह जी ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र ने 2010 में एक प्रस्ताव पारित कर फरवरी के प्रथम सप्ताह को International Interfaith Harmony Week (अंतर्राष्ट्रीय अंतर्धमीय सौहार्द सप्ताह) घोषित किया।
संत कृपाल सिंह जी महाराज ने हमें एक ब्लूप्रिन्ट दिया कि हम अपना जीवन कैसे बितायें, ताकि हम उस उद्देश्य को पूरा कर सकें जिसके लिए हमें इस संसार में भेजा गया है। उन्होंने हमें “नेक बनो, नेकी करो, एक बनो” के लिए प्रेरित किया, तथा हमें सद्गुणों को धारण करने की, दूसरों की निष्काम सेवा करने की, और नियमित रूप से ध्यानाभ्यास करने की शिक्षा दी, ताकि हम प्रभु की बनाई सृष्टि के साथ अपनी एकता का अनुभव कर सकें।