जाने दो और प्रभु को पाओ

जनवरी 10, 2021

संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने 2021 के पहले अंग्रेज़ी ऑनलाइन प्रसारण में विश्व भर के हज़ारों जिज्ञासुओं को सम्बोधित किया। पिछले साल की चुनौतियों का उल्लेख करते हुए, महाराज जी ने हमें “2021 में आध्यात्मिक सूर्य से रोशन रहें” स्लोगन की याद दिलाई, तथा एक ब्लूप्रिन्ट दिया कि हम इस दिशा में कैसे कदम बढ़ा सकते हैं और नए साल में अपने आध्यात्मिक लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।

सरल शब्दों में, महाराज जी ने समझाया, हम अपने आध्यात्मिक लक्ष्यों को तब पा सकते हैं जब हम ये महत्त्वपूर्ण शब्द याद रखें: “जाने दो और प्रभु को पाओ”। इस सिद्धांत को अपने जीवन में ढाल लेने से, हमारे शारीरिक, मानसिक, और भावनात्मक पहलुओं में भी बेहतरी होगी।

हमारे जीवन में मुश्किलें लाने वाली चीज़ों को जाने देने के लिए हमें पहले माफ़ करना और भूलना सीखना होगा। जब हमारे अंदर क्रोध और ईर्ष्या की भावनाएँ आ जाती हैं, तो वे हमारे ऊपर हावी हो जाती हैं, और तब हम ऐसा व्यवहार करने लगते हैं जिससे परिस्थितियाँ और भी अधिक ख़राब हो जाती हैं। हम अपना समय और प्रयास ऐसी गतिविधियों में ज़ाया कर देते हैं जो फ़ायदेमंद नहीं होती हैं, तथा जो हमारे अंदर और हलचल पैदा कर देती हैं। साथ ही, हमें अपने अहंकार पर काबू पाना होगा और नम्रता का विकास करना होगा, ताकि हम अपने साथी इंसानों के साथ एकत्व की अवस्था में पहुँच सकें, जो फिर हमें प्रभु के साथ एकत्व की ओर ले जाता है। जब हम ध्यानाभ्यास करते हैं और अंतर में दिव्य ज्योति का अनुभव कर लेते हैं, तो हम यह भी जान जाते हैं कि प्रभु दूसरों के अंदर भी मौजूद हैं, जिस कारण हम प्यार से सबको गले लगा लेते हैं।

जब हम अतीत को भूल जाते हैं और उन लोगों को माफ़ कर देते हैं जिन्होंने हमें तकलीफ़ पहुँचाई है, जब हम क्रोध और ईर्ष्या को और उन सभी चीज़ों को जाने देते हैं जो हमें प्रभु से दूर रखती हैं, और जब हम ध्यानाभ्यास के द्वारा दिव्य प्रेम का अनुभव कर लेते हैं, तो हम प्रभु की ओर तेज़ी से कदम बढ़ाने लगते हैं।