प्रभु में विश्वास

संत राजिन्दर सिंह जी महाराज

29 अक्टूबर 2020

प्रभु के अदृश्य हाथ की सुंदरता यह है कि कई बार हम सहायता के लिए बहुत अधिक प्रार्थनाएँ करते हैं और हमें वो मिलती भी है। लेकिन कई बार जब हम सहायता माँगते नहीं हैं, तब भी हमें सहायता मिलती है। ऐसे मौके हमें याद दिलाते हैं कि हम अकेले नहीं हैं। हमें एहसास होता है कि प्रभु हर पल हमारे साथ हैं, हमें देख रहे हैं और हमारा मार्गदर्शन कर रहे हैं।

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प्रभु जानते हैं कि हम कब मुश्किल में हैं और हमें कब मदद चाहिए। जिस तरह माता-पिता सोते हुए बच्चे की हर पल रक्षा करते हैं, उसी तरह प्रभु भी हर पल हमारा ख़याल रखते हैं। इसीलिए, माँगे बिना भी, प्रभु की सहायता हम तक पहुँच जाती है।

जीवन की राहों से गुज़रते हुए जब कभी हमें हताशा हो कि हम अकेले हैं, तो हमें याद रखना चाहिए कि कैसे प्रभु हर वक़्त हमारे साथ रहते हैं। प्रभु की बाँहें हर क्षण हमें घेरे हुए हैं, और जीवन के उतार-चढ़ाव में हमारी मदद करती हैं। हमें प्रभु का शुक्राना करना चाहिए कि उनकी अदृश्य उपस्थिति हर समय हमारी सुरक्षा और मार्गदर्शन करती रहती है। तो अगली बार जब हम ख़ुद को असहाय या अकेला महसूस करें, तो हमें याद रखना चाहिए कि प्रभु की बाँहें हमारे इर्द-गिर्द हैं, हमें घेरे हुए हैं, हमें प्यार दे रही हैं, और हमारी रक्षा कर रही हैं।

प्रभु की उपस्थिति को महसूस करने का एक तरीका है ध्यानाभ्यास में बैठकर अपने अंतर में प्रभु का अनुभव करना। जब हम अपने भीतर एकाग्र होते हैं, तो हम स्वयं प्रभु के प्रेम का अनुभव कर पाते हैं। तब हम निडरता के साथ जीवन की चुनौतियों का सामना कर पाते हैं। आइए हम सब प्रभु में पूरा विश्वास रखें, और जीवन का सामना इस जानकारी के साथ करें कि हम प्रभु की प्यार भरी बाँहों में हैं।

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लेखक के बारे में

Sant Rajinder Singh Ji sos.org

 

 

 

 

संत राजिन्दर सिंह जी महाराज को अध्यात्म व ध्यानाभ्यास के द्वारा आंतरिक व बाहरी शांति का प्रसार करने के अपने अथक प्रयासों के लिए अंतर्राष्ट्रीय रूप से सम्मानित किया गया है। साइंस ऑफ़ स्पिरिच्युएलिटी के आध्यात्मिक अध्यक्ष होने के नाते, वे संसार भर में यात्राएँ कर लोगों को आंतरिक ज्योति व श्रुति पर ध्यान टिकाने की प्रक्रिया सिखाते हैं, जिससे शांति, ख़ुशी, और आनंद की प्राप्ति होती है।

संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने ध्यानाभ्यास की अपनी प्रभावशाली और सरल विधि को सत्संगों, सम्मेलनों, आध्यात्मिक कार्यक्रमों, और मीडिया प्लैटफ़ॉर्म्स के द्वारा विश्व भर में लाखों लोगों तक पहुँचाया है। महाराज जी अनेक बैस्टसैलिंग पुस्तकों के लेखक भी हैं, तथा उनके ब्लॉग्स, वीडियोज़, गतिविधियों की सूचनाएँ, और प्रेरणादायी आध्यात्मिक कथन नियमित रूप से साइंस ऑफ़ स्पिरिच्युएलिटी के वेबसाइट पर आते रहते हैं: www.sos.org। अधिक जानकारी के लिए और आगामी सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए यहाँ देखें। Facebook YouTube Instagram पर संत राजिन्दर सिंह जी महाराज को फ़ॉलो करें।

 

 

अतिरिक्त संदेश

आध्यात्मिक प्रेम का जादू

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अध्यात्म कोई कठोर ध्यानाभ्यास का मार्ग नहीं है जिसमें हम ख़ुद को अपने परिवार या समुदाय के लोगों से अलग कर लें और अकेले जीवन बितायें। इसके विपरीत, अध्यात्म का अर्थ है ख़ुद को दिव्य प्रेम में डुबो देना जोकि हमारा असली स्वरूप है।

ध्यानाभ्यास सरल है

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ध्यानाभ्यास के समय, हम संसार संबंधी विचारों को और अपनी समस्याओं को एक दराज में डाल देते हैं और उसे बंद कर देते हैं। फिर, हम ध्यानाभ्यास की दराज खोल लेते हैं और केवल उसी पर ध्यान एकाग्र करते हैं।

फ़ादर्स डे

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जब हम इस दिन अपने पिता को सम्मानित करने के बारे में सोचते हैं, तो हमें अपने सार्वभौमिक पिता और माता, यानी प्रभु, को सम्मानित करने के बारे में भी सोचना चाहिए, जिन्होंने हमारे शारीरिक पिता को बनाया है। ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीका है उनके द्वारा दिए उपहारों को याद करना और उनके लिए शुक्राना अदा करना।