नम्रता क्या है?

संत राजिन्दर सिंह जी महाराज

16 दिसम्बर 2020

नम्रता एक ऐसा सद्गुण है जो हमें आध्यात्मिक रूप से विकसित होने में मदद करता है। इसका अर्थ है कि हम दूसरों को अपने से कम न समझें। हम दूसरों के प्रति दयालु व करुणापूर्ण रहें। नम्रता का अर्थ है कि हम दूसरों के साथ ऐसा व्यवहार या बातचीत न करें जैसे हम उनसे ऊँचे या बेहतर हैं। नम्रता का अर्थ है कि हम यह जानें कि हम सब एक बराबर हैं। हम हर किसी में प्रभु को देखें।

हमें अपने अहंकार को काबू करना सीखना होगा। मुश्किलें तब पैदा होती हैं जब हम सोचते हैं कि हम बाकी सब से बेहतर हैं। हमें यह जानना चाहिए कि हो सकता है कुछ मौकों पर हम भौतिक स्तर पर दूसरों से अधिक बुद्धिमान, ताकतवर, या अधिक अमीर साबित हों जायें, लेकिन अंदर से हम सब एक ही हैं और एक समान हैं। उदाहरण के लिए, हम देखते हैं कि सभी फूल एक ही बाग़ीचे का अंग हैं। हो सकता है कि कुछ फूल लाल हों, कुछ बैंगनी हों, और कुछ पीले हों। कुछ लंबे होते हैं, तो कुछ छोटे होते हैं। हम जानते हैं कि ये सब बाहरी फ़र्क हैं, लेकिन वो सब फूल ही हैं और एक ही बाग़ीचे का अंग हैं।

इसी प्रकार, हम सब बाहर से चाहे अलग-अलग दिखते हों, लेकिन अंदर से हम सब एक ही हैं। हम सब आत्मा हैं, परमात्मा का अंश हैं। नम्रता का अर्थ है कि हम यह जानें कि हम सब एक ही हैं, और सभी के साथ प्रेम, दया, व आदर से भरपूर व्यवहार करें।

article Rajinder meditation end

लेखक के बारे में

Sant Rajinder Singh Ji sos.org

 

 

 

 

संत राजिन्दर सिंह जी महाराज को अध्यात्म व ध्यानाभ्यास के द्वारा आंतरिक व बाहरी शांति का प्रसार करने के अपने अथक प्रयासों के लिए अंतर्राष्ट्रीय रूप से सम्मानित किया गया है। साइंस ऑफ़ स्पिरिच्युएलिटी के आध्यात्मिक अध्यक्ष होने के नाते, वे संसार भर में यात्राएँ कर लोगों को आंतरिक ज्योति व श्रुति पर ध्यान टिकाने की प्रक्रिया सिखाते हैं, जिससे शांति, ख़ुशी, और आनंद की प्राप्ति होती है।

संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने ध्यानाभ्यास की अपनी प्रभावशाली और सरल विधि को सत्संगों, सम्मेलनों, आध्यात्मिक कार्यक्रमों, और मीडिया प्लैटफ़ॉर्म्स के द्वारा विश्व भर में लाखों लोगों तक पहुँचाया है। महाराज जी अनेक बैस्टसैलिंग पुस्तकों के लेखक भी हैं, तथा उनके ब्लॉग्स, वीडियोज़, गतिविधियों की सूचनाएँ, और प्रेरणादायी आध्यात्मिक कथन नियमित रूप से साइंस ऑफ़ स्पिरिच्युएलिटी के वेबसाइट पर आते रहते हैं: www.sos.org। अधिक जानकारी के लिए और आगामी सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए यहाँ देखें। Facebook YouTube Instagram पर संत राजिन्दर सिंह जी महाराज को फ़ॉलो करें।

 

 

अतिरिक्त संदेश

धरती को वापस लौटाना

धरती को वापस लौटाना

अपने ग्रह को वापस देने का अर्थ है कि जब हम उससे भोजन लें, तो हम भूमि का सही रख-रखाव करें, ताकि वो हमेशा हमें भोजन देती रही। शाकाहार, धरती के लिए हमारे सम्मान का प्रतीक है। हम शाकाहार अपना कर धरती के संसाधनों का संरक्षण कर सकते हैं।

प्रेम की खुश्बू को फैलायें

प्रेम की खुश्बू को फैलायें

अगर हम सच में प्रभु को पाना चाहते हैं, तो हमें अपने विचारों को स्थिर करना होगा। हमें केवल अपने अंतर में देखना होगा। प्रभु का अनुभव करने के लिए हमें अपने शरीर और मन को स्थिर करना होगा। मूल्यांकन करने, आलोचना करने, या जकड़ने से हम यह अनुभव नहीं कर पायेंगे।

अंतर में प्रभु का अनुभव करें

अंतर में प्रभु का अनुभव करें

अगर हम सच में प्रभु को पाना चाहते हैं, तो हमें अपने विचारों को स्थिर करने की आवश्यकता है। हमें केवल अपने अंतर में देखना है। प्रभु का अनुभव करने के लिए हमें अपने शरीर और मन को स्थिर करना होगा। मूल्यांकन करने, या आलोचना करने, या ज़बरदस्ती कुछ पाने की कोशिश करने से हम उस अनुभव से वंचित रह जायेंगे।